सितारे ज़मीन पर मूवी रिव्यू – आमिर खान और जेनेलिया की दिल छू लेने वाली फिल्म
फिल्म की जानकारी:
- फिल्म का नाम: सितारे ज़मीन पर (2025)
- भाषा: हिंदी
- श्रेणी: कॉमेडी, ड्रामा
- अवधि: 2 घंटे 38 मिनट
- निर्देशक: आर. एस. प्रसन्ना
- कलाकार: आमिर खान, जेनेलिया डिसूजा, आरूष दत्ता, गोपी कृष्ण वर्मा, संवित देसाई, वेदांत शर्मा, आयुष भंसाली, आशीष पेंडसे, ऋषि शाहानी, ऋषभ जैन, नमन मिश्रा, सिमरन मंगेशकर
कहानी का सारांश:
यह कहानी एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की है, जहां हर बच्चा अपने-अपने सपनों और समस्याओं से जूझ रहा है। फिल्म शिक्षा, समाज और माता-पिता की उम्मीदों के बीच फंसे बच्चों के जीवन को एक इमोशनल और कॉमिक अंदाज़ में दर्शाती है। आमिर खान एक प्रेरक व्यक्तित्व निभा रहे हैं जो बच्चों को खुद की पहचान दिलाने में मदद करते हैं। जेनेलिया डिसूजा एक शिक्षिका के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
मुख्य किरदार – आरव
कहानी का केंद्र है आरव, एक 12 साल का बच्चा, जो बाहर से शांत लेकिन अंदर से बेहद कल्पनाशील है। वह पढ़ाई में बहुत कमजोर है और Dyslexia (शब्दों को समझने में कठिनाई) से जूझ रहा है, लेकिन उसके अंदर चित्रकारी और कल्पना की अनोखी दुनिया है।
आरव के माता-पिता – एक बिज़ी कॉरपोरेट पिता और उम्मीदों से लदी माँ – उसकी परेशानी को नहीं समझ पाते। उनके लिए सिर्फ ग्रेड्स और रिपोर्ट कार्ड मायने रखते हैं।
बोर्डिंग स्कूल और बदलती ज़िंदगी
एक दिन माता-पिता तंग आकर आरव को शहर से दूर एक बोर्डिंग स्कूल में भेज देते हैं, यह सोचकर कि शायद वहाँ उसका सुधार हो जाएगा। नया स्कूल और नए दोस्त, लेकिन वही पुरानी समस्याएं – टीचर उसे डांटते हैं, सहपाठी चिढ़ाते हैं।
आरव भीतर से टूट चुका होता है। उसका आत्मविश्वास खत्म हो जाता है, और वह अपनी दुनिया में और गहराई से डूबता जाता है।
नए आर्ट टीचर की एंट्री – राम शंकर
तभी स्कूल में आते हैं राम शंकर (आमिर खान) – एक नए आर्ट टीचर जो पढ़ाने का तरीका किताबों से नहीं, दिल से लाए हैं। वो बच्चों के साथ दोस्त बन जाते हैं, उनके टैलेंट को समझते हैं और क्लास में हँसी-खुशी का माहौल लेकर आते हैं।
राम जल्दी ही आरव की ड्रॉइंग्स और उसके अजीब व्यवहार को देखकर समझ जाते हैं कि यह कोई "आलसी" बच्चा नहीं है, बल्कि Dyslexia से ग्रसित है।
आरव की परेशानी को समझना
राम आरव के माता-पिता से मिलते हैं और उन्हें समझाते हैं कि समस्या पढ़ाई में नहीं, बल्कि हमारे समझ के नजरिए में है। राम खुद भी Dyslexia से ग्रसित एक बच्चे के साथ बड़े हुए हैं, और उन्हें पता है कि इन बच्चों को कैसे प्रोत्साहित करना होता है।
वह स्कूल प्रिंसिपल से अनुमति लेकर आरव के लिए विशेष शिक्षण तकनीक अपनाते हैं – जिसमें चित्र, कहानियाँ, और दृश्यात्मक शिक्षण शामिल है। धीरे-धीरे आरव फिर से मुस्कुराने लगता है, सीखने में रुचि लेने लगता है।
एक बड़ा चित्रकला प्रतियोगिता
राम एक स्कूल-स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित करते हैं, जिसमें सभी बच्चे भाग लेते हैं। आरव अपनी कल्पना से एक अद्भुत पेंटिंग बनाता है – जिसमें वह अपने भीतर के डर, सपने और संघर्ष को रंगों में उकेरता है।
जब निर्णायक आमिर खान खुद आरव की पेंटिंग को पहचानते हैं, तो पूरे स्कूल के सामने उसका सम्मान होता है।
फिल्म का संदेश:
फिल्म यह सिखाती है कि हर बच्चा विशेष होता है। सिर्फ मार्क्स या रिपोर्ट कार्ड के आधार पर किसी की काबिलियत को मापना ठीक नहीं। सही मार्गदर्शन और प्रेम से हर बच्चा चमक सकता है – जैसे सितारे ज़मीन पर।
फिल्म की खूबियां और कमियां:
✅ खूबियां:
- शानदार अभिनय और कास्टिंग
- दिल को छू लेने वाली कहानी
- इमोशनल + कॉमिक बैलेंस
❌ कमियां:
- फिल्म की अवधि थोड़ी लंबी लग सकती है
- कुछ दृश्यों में नया पन कम महसूस हो सकता है
निष्कर्ष:
“सितारे ज़मीन पर (2025)” एक प्रेरणादायक, मनोरंजक और संवेदनशील फिल्म है। यह फिल्म बच्चों और बड़ों दोनों के लिए एक जरूरी देखने वाली फिल्म है। यह न सिर्फ भावनाओं को छूती है बल्कि समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है।